Pushyabhuti Vansh in Hindi

Pushyabhuti Vansh in Hindi | पुष्यभूति वंश का इतिहासPushyabhuti Vansh in Hindi

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पुष्यभूति वंश की जानकारी

भारत में गुप्त वंश के बाद कई अलग-अलग वंश के छोटे साम्राज्य बने जैसे मौखरी (कन्नौज), परवर्ती गुप्त (मगध), गौड़ (बंगाल), मैत्रक(राजस्थान) आदि जिनमें पुष्यभूति वंश (थानेश्वर) का विस्तार अधिक हुआ
यह वंश प्रमुख रूप से थानेश्वर या स्थानेश्वर (वर्तमान थानेश्वर, हरियाणा कुरुक्षेत्र जिला का क्षेत्र)
पुष्यभूति वंश का संस्थापक “पुष्यभूति” था
पुष्यभूति के बाद नरवर्धनराज्यवर्धनआदित्यवर्धन (रानी – महासेन गुप्त) – प्रभाकरवर्धनहर्षवर्धन आदि शासक हुए
प्रभाकरवर्धन एक प्रमुख शासक था
प्रभाकरवर्धन ने अपने आस-पास के राज्यों मालव पंजाब, गुर्जर तथा हूणों से युद्ध करके प्रतिष्ठा प्राप्त की
प्रभाकरवर्धन भगवान् शिव का उपासक था
प्रभाकरवर्धन तथा रानी यशोमती के दो पुत्र राज्यवर्धन (बड़ा) तथा हर्षवर्धन (छोटा) और एक पुत्री राज्यश्री थी
राज्यश्री का विवाह कन्नौज (उ.प्र.) के मौखरी वंश के राजा गृहवर्मा से हुआ
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