Rashtrakuta Vansh GK in Hindi
Rashtrakuta Vansh GK in Hindi
राष्ट्रकूट वंश
वातापी के चालुक्यों के अंतिम शासक कीर्तिवर्मन II को पराजित करके उसके सामंत दन्तिदुर्ग (दंतिवर्मन) ने राष्ट्रकूट वंश की स्थापना की
राष्ट्रकूट वंश का संस्थापक – दन्तिदुर्ग
राष्ट्रकूट वंश की राजधानी – मान्यखेत (वर्तमान मालखेड़ , कर्नाटक)
राष्ट्रकूट वंश के प्रमुख शासक कृष्ण I, ध्रुव, गोविन्द III, अमोघवर्ष, कृष्ण II तथा कृष्ण III
राष्ट्रकूट शासक ध्रुव को “धारावर्ष” कहा जाता था
ध्रुव राष्ट्रकूट का पहला ऐसा शासक था जिसने कन्नौज (उत्तर भारत) पर अधिकार करने के लिए त्रिपक्षीय संघर्ष में भाग लिया तथा प्रतिहार नरेश वत्सराज और पाल नरेश धर्मपाल को पराजित किया
गोविन्द III ने त्रिपक्षीय युद्ध में भाग लेकर चक्रायुद्ध तथा उसके संरक्षक धर्मपाल तथा प्रतिहार वंश के शासक नागभट्ट II को पराजित किया
अमोघवर्ष ने कन्नड़ भाषा में “कविराजमार्ग” की रचना की थी
अमोघवर्ष जैन धर्म का अनुयायी था
कृष्ण III ने रामेश्वरम में विजय स्तम्भ तथा देवालय की स्थापना की
कृष्ण III के दरबार में कन्नड़ भाषा के कवि “पोन्न” रहते थे जिन्होंने “शान्तिपुराण” की रचना की
अमोघवर्ष के दरबारी
जिनसेन (रचना – आदिपुराण)
महावीराचार्य (रचना – गनितासार संग्रह)
सत्तायना (रचना – अमोघवृत्ति)
इंद्र III के शासन काल में अरब निवासी “अलमसूदी” भारत आया था, इसने राष्ट्रकूट वंश के शासकों को भारत का सर्वश्रेष्ठ शासक बताया
राष्ट्रकूट वंश का अंतिम शासक कर्क II था जिसे तैलप II ने पराजित कर कल्याणी के चालुक्य वंश की स्थापना की
राष्ट्रकूट वंश से सम्बंधित प्रश्न-उत्तर तथा MCQ
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