Satvahan Vansh ka Itihas | सातवाहन वंश का इतिहास
सातवाहन वंश का इतिहास
Satvahan Vansh ka Itihas | सातवाहन वंश का इतिहास
सातवाहन वंश का इतिहास GK in Hindi
सातवाहन वंश का संस्थापक कौन था
कण्व वंश से सुशर्मा के बाद सिमुक ने सातवाहन वंश की स्थापना (60 ईसा. पू.) की
सातवाहन वंश मौर्य वंश के बाद का शक्तिशाली वंश बना
इस वंश ने मौर्य वंश के बाद पहली बार सांस्कृतिक तथा राजनैतिक एकता लाने का प्रयास किया
सीसा के सिक्का का प्रचलन मुख्य रूप से सातवाहन वंश के समय से हुआ
सीसे के अतिरिक्त इस वंश के समय चांदी, ताम्बे, पोटीन तथा कांसे की मुद्राओं का प्रचलन भी था
सातवाहन वंश की राजधानी
सातवाहन वंश के शासकों ने अपनी राजधानी प्रतिष्ठान (गोदावारी नदी के किनारे, औरंगाबाद जिला, महाराष्ट्र) में करवाया था
इस वंश के शासकों ने ब्राह्मणों को भूमि अनुदान देने की प्रथा प्रारम्भ की
इस वंश शासकों ने उत्तर तथा दक्षिण भारत को मिलाने (सेतु) का कार्य किया
सातवाहन वंश की भाषा
इस वंश की राजकीय भाषा – प्राकृत
इस वंश की राजकीय लिपि – ब्राह्मी
सातवाहन वंश के प्रसिद्द साहित्यकार हाल (शासक) तथा गुणाढ्य थे
हाल (शालीवाहन) की पुस्तक – गाथासप्तशती (700 गाथाएं)
गुणाढ्य की पुस्तक – बृहतकथा
इस वंश के समय – अजन्ता की गुफा (औरंगाबाद के पास, महाराष्ट्र)
सातवाहन वंश के समय – कार्ले का चैत्य (महाराष्ट्र, पुणे के पास, गुफा बौद्ध मंदिर)
सातवाहन वंश के समय अमरावती कला (आं. प्र.) का विकास हुआ
सातवाहन वंश के प्रमुख शासकों के नाम
सिमुक, शातकर्णी, गौतमीपुत्र शातकर्णी, वशिष्ठीपुत्र, पुलुमावी तथा यज्ञश्री शातकर्णी
इस वंश के अधिकतम शासकों के नाम माताओं के नाम पर थे अतः माना जाता है की यह वंश मात्रतंत्रात्मक था
लेकिन उत्तराधिकारी पुत्र होता था इसलिए राजकुल पितृतंत्रात्मक था
सातवाहन वंश का अंतिम शासकं कौन था
यज्ञश्री शातकर्णी इस वंश का अंतिम शासक था
Important Question Answer
Click Here for Important Question-Answer – Computer
Click Here for Important Question-Answer – Indian Geography
Click Here for Important Question-Answer – World Geography
Click Here for Important Question-Answer – Indian History
Click Here for Important Question-Answer – Economy
Click Here To Go To Home Page and Get More Knowledge